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खुशखबरी : तेलों की कीमतों में होने वाली है 10 रुपये तक की गिरावट

खुशखबरी : तेलों की कीमतों में होने वाली है 10 रुपये तक की गिरावट

तेल की कीमतों में इजाफा होते ही रसोई का बजट खराब हो जाता है। इसी डगमगाई हालत को संभालने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से कवायद की जा रही है। खाने के तेलों की कीमतों में 10 रुपये प्रति लीटर तक कमी आ सकती है। खाद्य उत्पादों पर थोड़ी सी महंगाई आते ही केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार निराश हो जाती हैं। वर्तमान में गेंहूं की बढ़ती कीमतों ने केंद्र सरकार की चिंता को बढ़ा दिया था। इसका प्रभाव आटे के भावों पर देखने को मिला है। हालांकि, गेहूं की आपूर्ति को बढ़ाकर गेहूं और आटे की कीमतों को कम करने की पहल केंद्र सरकार के स्तर से की गई है। हाल ही, में तेल की कीमतों को लेकर राहत भरी एक खबर सामने आ रही है। तेल सस्ता होने से आम लोगों की रसोई के बजट में भी काफी सुधार हो पाएगा।

तेल की कीमतों में 6 प्रतिशत तक गिरावट हो सकती है

केंद्र एवं राज्य सरकार तेल की कीमतों पर काबू करने के लिए निरंतरता से कदम उठा रही हैं। आगामी दिनों में तेल की कीमतों में सहूलियत देखने को मिल सकती है। कहा गया है, कि तेल की कीमतों में 6 प्रतिशत तक गिरावट दर्ज की जा सकती है। कीमत कम करने का फैसला केंद्र सरकार की सलाह के उपरांत एडिबल ऑयल कंपनियों के स्तर से लिया गया है। ये भी पढ़े: ज्यादातर तेलों के भाव में आई गिरावट से लोगों में खुशी की लहर

क्रूड पाम ऑयल की कीमतों में इतने रुपए की गिरावट होगी

मीडिया खबरों के मुताबिक, फॉर्च्यून ब्रांड के मालिक अडानी विल्मर और जेमिनी एडिबल और फैट्स इंडिया, ये जेमिनी ब्रांड का मालिक है। इनके स्तर से भावों में क्रमशः 5 रुपये प्रति लीटर और 10 रुपये प्रति लीटर की कमी करने का फैसला लिया गया है। हालांकि, कंपनी की तरफ से यह कहा गया है, कि तेल की कीमतों में जो गिरावट हुई है, उसका फायदा आगामी 3 सप्ताह में देखने को मिल सकता है। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) की तरफ से भी एक स्टेटमेंट आया है, कि इसने भी अपने खाद्य तेलों पर एमआरपी में गिरावट करने एवं उपभोक्ताओं को फायदा पहुँचाने के लिए जानकारी साझा करने की सलाह दी गई है।

कच्चे तेलों की अंतर्राष्ट्रीय कीमतों में आई गिरावट

एसईए की तरफ से सामने आए बयान में कहा गया है, कि विगत 6 माह में तेल के भावों में सहूलियत देखने को मिली है। इसमें विगत 60 दिनों में अंतर्राष्ट्रीय कीमतों में क्रूड पाम ऑयल के भावों में कमी देखने को मिली है। बतादें, कि सरसों, मूंगफली और सोयाबीन का देश में अच्छा-खासा उत्पादन हुआ है। लेकिन, इसके बावजूद भी तेलों की कीमतों में उतनी गिरावट नहीं हो पाई है। इस वजह से अब एडिबल कंपनियों को इस प्रकार तेल की कीमत कम करने की सलाह दी गई है।
नारियल और जैतून के तेल से होने वाले शारीरिक लाभ, इनमें कितना अंतर है

नारियल और जैतून के तेल से होने वाले शारीरिक लाभ, इनमें कितना अंतर है

नारियल एवं जैतून दोनों तेल का उपयोग खाने के लिए किया जाता है। इनके औषधीय गुणों की वजह विगत कई सालों से बाजार में इसकी मांग लगातार बढ़ती जा रही है। खाना तैयार करने के लिए हम कई तरह के खाद्य तेलों का इस्तेमाल करते हैं। यह तेल हमारे रोजमर्रा के आहार का एक मूलभूत हिस्सा है और यह हमारे पसंदीदा व्यंजनों का स्वाद बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। नारियल और जैतून का तेल अपने स्वास्थ्य लाभों की वजह से जाने जाते हैं और इनके औषधीय गुणों की वजह से विगत कई वर्षों से बाजार में मांग निरंतर बढ़ती जा रही है। चलिए आज हम इस लेख में आपको खाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले नारियल तथा जैतून के तेल की विशेषताऐं बताने जा रहे हैं। नारियल और जैतून के तेल से तैयार किया गया भोजन काफी स्वादिष्ट होता है।

नारियल का तेल किस तरह निकलता है

नारियल का तेल पके हुए नारियल के गूदे से निकाला जाता है। इसे उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में खाद्य के रुप में बहुत ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। आपको बता दें कि नारियल के तेल में काफी ज्यादा मात्रा में फैटी एसिड होता है, जिसका ज्यादा सेवन हमारे शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है।

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नारियल तेल का सेवन करने से होने वाले लाभ

नारियल तेल वजन कम करने में अहम भूमिका निभाता है

नारियल तेल का इस्तेमाल वजन कम करने के लिए किया जा सकता है। तेल में मीडियम चेन फैटी एसिड की भाँति लॉरिक एसिड, कैप्रेटेलिक एसिड और कैपरिक एसिड होते हैं, जो हमारे शरीर का वजन घटाने में सहायता करते हैं। नारियल तेल और जैतून

नारियल के तेल से बेहतरीन पाचन होता है

नारियल के तेल से शरीर में अच्छा पाचन होता है। नारियल तेल का इस्तेमाल खाना पकाने में करने से हमारे शरीर का पाचन तंत्र बेहतर ढ़ंग से कार्य करता है। इसके अतिरिक्त यह इर्रिटेबल बॉवल सिंड्रोम जैसे कि कब्ज, डायरिया एवं गैस से संबंधित समस्याओं के लिए भी लाभदायक होता है।

नारियल का तेल डायबिटीज में फायदेमंद है

नारियल तेल को मधुमेह के उपचार के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। रिसर्च के मुताबिक, वर्जिन कोकोनट ऑयल में डायबिटीज नियंत्रित करने की क्षमता होती है, जिसका इस्तेमाल मधुमेह से जुड़े रोगियों को जरूर करना चाहिए।

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जैतून के तेल के कितने फायदे होते हैं

जैतून का तेल मॉइस्चराइजिंग गुणों से युक्त होता है। बतादें, कि इसका नियमित रूप से इस्तेमाल करना हमारे शरीर को बहुत सारी बीमारियों एवं स्वास्थ्य समस्याओं से बचाता है। जैतून के तेल के अंदर विटामिन-ई, विटामिन के, आयरन, ओमेगा-3 फैटी एसिड, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट विघमान रहते हैं।

जैतून के तेल का उपयोग आंखों का बेहतर स्वास्थ्य प्रदान करता है

आजकल हम सारा दिन कंप्यूटर, टीवी एवं मोबाइल पर कार्य करते हैं। ऐसी स्थिति में आँखों के विशेष ख्याल के लिए आपको अपने खाने में जैतून के तेल का उपयोग करना चाहिए। इसका सेवन करने से आपकी आंखों के आसपास रक्त संचार बढेगा। साथ ही, थकान भी दूर हो जाती है।

जैतून के तेल से उच्च रक्तचाप का खतरा कम हो जाता है

वर्तमान में सभी लोगों पर काम का दवाब, तनाव एवं अन्य समस्याओं की वजह से उच्च रक्तचाप की समस्या बनी रहती है। ऐसी स्थिति में अपनी डाइट में ऑलिव ऑयल मतलब कि जैतून के तेल को अवश्य शम्मिलित करना चाहिए। यह हमारे शरीर के हाई ब्लड प्रेशर के संकट को कम करता है।

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जैतून का तेल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को काबू करता है

कोलेस्ट्रॉल से बचाव के लिए आप ऑलिव ऑयल का उपयोग कर सकते हैं। इसमें मौजूद सैचुरेटेड फैट हमारे शरीर में रक्त कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करता है। जैतून के एक्स्ट्रा वर्जिन ऑयल में पॉलीफेनॉल से हमारे शारीरिक रक्त संचार को नियंत्रित करता है। इसके साथ साथ जैतून का तेल बहुत सारे अन्य फायदे भी मानव शरीर को पहुँचाता है।
चावल की भूसी से तेल बनाकर मालामाल हुआ यह किसान

चावल की भूसी से तेल बनाकर मालामाल हुआ यह किसान

इन दिनों भारत सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए भरसक प्रयास कर रही है। इसके लिए सरकार ने कई तरह की नई योजनाएं लॉन्च की है। साथ ही सरकार कई योजनाओं के अंतर्गत भारी अनुदान भी प्रदान कर रही है ताकि देश के किसान अपने पैरों पर खड़े हो सकें। साथ ही किसानों की आय में तेजी से इजाफा हो सके। किसानों की आय को बढ़ाने के लिए सरकार के द्वारा खेती किसानी से संबंधित उद्योग लगाने की भी सलाह दी जा रही है ताकि किसान भाई खेती किसानी के साथ-साथ उद्योग के क्षेत्र में भी अपने पैर पसार सकें। खेती किसानी से संबंधित उद्योग लगाने के लिए सरकार किसानों को आर्थिक मदद भी मुहैया करवा रही है। यह मदद सरकार के द्वारा एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के अंतर्गत की जाती है। हाल ही में महाराष्ट्र के गोंदिया जिले के एक किसान ने एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड की सहायता से राइस ब्रान ऑयल की मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट खोली है। इसके लिए सरकार ने बड़ी मात्रा में किसान को फंड उपलब्ध करवाया है। इस यूनिट की मदद से वो चावल की भूसी से तेल निकाल रहे हैं। इस तेल को बाजार में राइस ब्रान ऑयल के नाम से जाना जाता है। राइस ब्रान ऑयल का उद्योग लगाने से वो अच्छा खास मुनाफा कमा रहे हैं साथ ही उन्होंने जिले में कई लोगों को रोजगार भी दिया है।

 

राइस ब्रान ऑयल के फायदे

राइस ब्रान ऑयल को बेहद स्वास्थ्यवर्धक तेल माना जाता है। यह एक वनस्पति तेल है, इस तेल में विटामिन-ई, प्रोटीन और फैटी एसिड प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। यह तेल एशियाई देशों में बहुतायत के इस्तेमाल किया जाता है। राइस ब्रान ऑयल में फैट की मात्रा न के बराबर होती है, इसलिए इस तेल के उपयोग से शरीर में कोलेस्ट्राल का स्तर नहीं बढ़ता। यह तेल मूंगफली के तेल की तरह दिखाई देता है। इस तेल में ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शरीर में हार्मोन को संतुलित रखते हैं। शरीर में हॉर्मोन संतुलित न होने के कारण मोटापा, पीरियड्स में अनियमिता, अनचाहे बालों की ग्रोथ, पाचन क्रिया में गड़बड़ी जैसी बीमारियां हो सकती हैं। इन बीमारियों से यह तेल सुरक्षा प्रदान करता है। 

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इसके साथ ही राइस ब्रान ऑयल के उपयोग से ह्रदय रोग के खतरे को कम किया जा सकता है। इस तेल में ओरिजेनॉन नामक पदार्थ पाया जाता है जो ह्रदय संबंधी रोगों में लाभप्रद माना गया है। चूंकि इस तेल में कोलेस्ट्राल की मात्र बेहद कम होती है तो कई बार डॉक्टर ब्लड प्रेशर के मरीजों को भी इस तेल के उपयोग की सलाह देते हैं। इसके साथ ही यह तेल मानव शरीर में मजबूत इम्यून सिस्टम बनाता है ताकि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ सके। कई डॉक्टर बताते हैं कि राइस ब्रान ऑयल में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट कैंसर से बचाने में मददगार है। ऐसे में इस तेल के सेवन से ब्रेस्ट कैंसर, लग्स कैंसर और  ब्रेन कैंसर से भी बचा जा सकता है।

राइस ब्रान ऑयल के साइड इफेक्टस

राइस ब्रान ऑयल का उपयोग शुरू करने के बाद गैस और पेट की परेशानी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके साथ ही लोगों को खुजली और चमड़ी के लाल होने की परेशानी भी हो सकती है। कई लोगों में देखा गया है कि तेल के सेवन से उनकी चमड़ी में दाने पड़ने लगे हैं। अगर ऐसा है तो तुरंत ही राइस ब्रान ऑयल का सेवन बंद कर दें। साथ ही जिन लोगों को पाचन से संबंधित समस्या है उन्हें भी राइस ब्रान ऑयल का सेवन नहीं करना चाहिए।